मुझे छोड़ दो मेरे हाल पे
मुझे छोड़ दो मेरे हाल पे
जिंदा हूँ यार काफ़ी है
जिंदा हूँ यार काफ़ी है
ओ
काफ़ी है
काफ़ी है
हवाओं से जो माँगा हिस्सा मेरा
तो बदले में हवा ने साँस दी
अकेलेपन से छेड़ी जब गुफ़्तगू
मेरे दिल ने आवाज दी
मेरे हाथों हुआ जो क़िस्सा शुरू
उससे पूरा तो करना है मुझे
क़ब्र पर मेरे सर उठाके खड़ी हो ज़िंदगी
ऐसे मारना है मुझे
कुछ माँगना बाक़ी नहीं
कुछ माँगना बाक़ी नहीं
जितना मिला काफ़ी है
जिंदा हूँ यार काफ़ी है
मुझे छोड़ दो मेरे हाल पे
मुझे छोड़ दो मेरे हाल पे
जिंदा हूँ यार काफ़ी है
जिंदा हूँ यार काफ़ी है
मुझे छोड़ दो.. ओ ओ ओ
मुझे छोड़ दो.. ओ ओ ओ
मेरे हाल पे
मेरे हाल पे
मेरे हाल पे
मेरे हाल पे