current location : Lyricf.com
/
Songs
/
ज़ालिमा [Zaalima] lyrics
ज़ालिमा [Zaalima] lyrics
turnover time:2024-11-07 23:03:02
ज़ालिमा [Zaalima] lyrics

जो तेरी ख़ातिर तड़पे पहले से ही

क्या उसे तड़पाना ओ ज़ालिमा ओ ज़ालिमा

जो तेरे इश्क़ में बहका पहले से ही

क्या उसे बहकाना ओ ज़ालिमा ओ ज़ालिमा (2 Times)

आँखें मरहबा

बातें मरहबा

मैं सौ मरतबा दीवाना हुआ

मेरा ना रहा जब से दिल मेरा

तेरे हुसन का निशाना हुआ

जिसकी हर धड़कन तू हो ऐसे

दिल को क्या धड़काना

ओ ज़ालिमा ओ ज़ालिमा

जो तेरी ख़ातिर तड़पे पहले से ही

क्या उसे तड़पाना ओ ज़ालिमा ओ ज़ालिमा

साँसों में तेरी नज़दीकियों का

इत्र तू घोल दे घोल दे

मैं ही क्यों इश्क़ ज़ाहिर करूँ

तू भी कभी बोल दे बोल दे (2 Times)

लेके जान ही जायेगा मेरी

क़ातिल हर तेरा बहाना हुआ

तुझसे ही शुरू तुझपे ही खत्म

मेरे प्यार का फ़साना हुआ

तू शम्मा है तो याद रखना

मैं भी हूँ परवाना

ओ ज़ालिमा ओ ज़ालिमा

जो तेरी ख़ातिर तड़पे पहले से ही

क्या उसे तड़पाना ओ ज़ालिमा ओ ज़ालिमा

दीदार तेरा मिलने के बाद ही

छूटे मेरी अंगड़ाई

तू ही बता दे क्यों ज़ालिमा मैं कहलायी

क्यों इस तरह से दुनिया जहाँ में

करता है मेरी रुसवाई

तेरा कसूर ओर ज़ालिमा मैं कहलायी

दीदार तेरा मिलने के बाद ही

छूटे मेरी अंगड़ाई

तू ही बता दे क्यों ज़ालिमा मैं कहलायी

तू ही बता दे क्यों ज़ालिमा मैं कहलायी

Comments
Welcome to Lyricf comments! Please keep conversations courteous and on-topic. To fosterproductive and respectful conversations, you may see comments from our Community Managers.
Sign up to post
Sort by