मोआना
आगे आगे!
मोआना न माने क्यों?
यह घर तेरा मोतुनुई सारा ही
है यह नाच-गाना जो है बरसों पुराना वो
पुराना यह गाना गाना है सही
पक्के परंपरा के हम
और मोआना, सबका भला करते (आगे!)
संभलके चला कर तू हमेशा ही
की है संग यह सारी बात
हँस हँस के हैं बुनते बास्केट
घर आई मछेरों की टोली
लहरें बोलीं
रुक जा यहीं
मोआना कहीं न जाना!
जो कल की हमारी आशा तू ही है
वो दिन आए
यहीं खुशियाँ पाए
यह तू जान ले कि होता यूँ ही है
सीखो नारियल से कुछ
सच-मुच्?
है इसकी डाली
यह नारियल की हर एक चीज़ है काम की
यह रेशों के जाल बनते
मीठी मलाई भी
है इसके सूखे पत्तों से
यह सिगड़ी जलाई भी
सीखो नारियल से कुछ
है इसकी हर चीज़
जो हम चाहें है सब यहीं
और हम यहीं
बिलकुल सही
यहाँ ही तो हर ख़ुशी है
हाँ! कल की आशा सभी की तू ही है
तू ख़ुश होगी
एक दिन मेरे जैसे ही
तू यह माने हर ख़ुशी अब यूँ ही है
चले संग आकर के मेरे
सहेली है साथ भी
हाँ! छेड़े लहरें और यही तेरा साथी भी
मुझे सब कहे हैं पगली!
कहें कि हद करती है
जो ख़ुद को समझे है वो बस तू ही है
पापा की बेटी है तू
उसकी ज़िद, ग़ुरूर
वो जो कहे सुन मगर
तू अपने दिल की सुन ज़रूर
अगर दिल तेरा तुझसे बोले
"हाँ! दूर तेरी मंज़िल है"
मोआना दिल की करे जो तू ही है
???
यह रेशों के जाल बनते
मीठी मलाई भी
यह संग-संग जो हम हैं रहते
सभी की भलाई भी
यह सबका यक़ीन है (हाँ है!)
यह सबका यक़ीन!
जो हम चाहें है सब यहीं
और हम यहीं!
और मैं यहीं!
यह घर पुकारे कि "आ जा!"
है कल की आशा सभी की
हम ही हैं
आ गई हूँ मैं!
हाँ सब लोग साथ-साथ चलेंगे
नए कल से हम कहेंगे "यूँ ही हैं"
हैं कहतीं मंज़िल कि खुशियाँ यूँ ही हैं
तू है जहाँ बस दुनिया यूँ ही है
यूँ ही है