कौन है ? सुनीता ?
एक दिन बड़ा मैं हो ही जाऊँगा
तब समझ में आएगी ये बात
घंटी बजेगी मेरी
बत्ती जलेगी मेरी
की दुनिया में बड़ी है खुराफ़ात !
एक दिन मैं ये भी जान जाऊँगा
इस चक्रव्यूह में फस गया हूँ क्यूँ ?
डर है खो न जाऊं मैं
थक के सो न जाऊं मैं
खतरों से घिरा पड़ा हूँ यूँ
मैं बस अभी आया
चल दिया जो रास्ता
संग संग मैं भी चल दिया
हो के बेफ़िकर ढूँढूँ मैं तो अपना घर
न जाने कर रहा हैं क्यूँ
धुडूक धुडूक जिया
एक दिन बड़ा मैं हो ही जाऊँगा
तो डरने की नही है कोई बात
डर मिटे तो जीत है
जीत का ये गीत है
हाँ दुनिया में
हर तरफ बडी है खुराफ़ात !
मजा आ गया !