मैं दुनिया का राजा था,
मेरी निशानी पर समुद्र बढ़ते,
अब हर सुबह अकेले सोता हूँ,
था जिस रस्ते का मालिक, अब उसे पोछता हूँ |
मैं पासों से खेलता था,
अपने शत्रुओं के आँखों में डर देखता था,
मैं सुनता जब लोग गाते थे,
"पुराना राजा मर गया, अब का लम्बा जीवन जिए |"
चाबी थी हाथ में, एक शण के लिए,
अगले में हुआ मैं बंदी,
ये पता चला कि मेरा कीला
नमक और मिटटी के खम्बों पर खड़ा था | *
जेरूसलम में घंटियाँ बज रहीं हैं,
घुड़सवार गायक गा रहें हैं,
ओ ! बन जा मेरे शीशा, तलवार और कवच,
मेरा धर्म प्रचारक विदेश में,
किसी कारण में समझा न पाऊँ,
एक बार जो तुम गए,
कभी न सच्ची बात हुई,
तब मैं दुनिया का राजा था |
थी वह एक दृष्ट और जंगली हवा,
जिसके कारण मैं मुक्त हुआ,
खिड़कियाँ तोड़ दी, और ढोल बज उठे,
लोगों को यकीन न हाउ, उसका जो मैं बन गया |
क्रन्तिकारी प्रतीक्षा मैं बैठें हैं,
की मेरा सर चाँदी की ठेले पर मिले,
बस हूँ अकेला एक कटपुतली,
ओ! कौन राजा बनाना चाहे?
जेरूसलम में घंटियाँ बज रहीं हैं,
घुड़सवार गायक गा रहें हैं,
ओ ! बन जा मेरे शीशा, तलवार और कवच,
मेरा धर्म प्रचारक विदेश में,
किसी कारण में समझा न पाऊँ,
संत पीटर मेरा नाम न लेगा, **
कभी न सच्ची बात हुई,
पर वह तब था जब मैं दुनिया का राजा था |
ओ !
जेरूसलम में घंटियाँ बज रहीं हैं,
घुड़सवार गायक गा रहें हैं,
ओ ! बन जा मेरे शीशा, तलवार और कवच,
मेरा धर्म प्रचारक विदेश में,
किसी कारण में समझा न पाऊँ,
संत पीटर मेरा नाम न लेगा,
कभी न सच्ची बात हुई,
पर वह तब था जब मैं दुनिया का राजा था |