एरियल, हमारी बात सुनो
इंसानी दुनिया खतरनाक है
हमारी जल कि दुनिया, उनकी दुनिया से अनेक अच्छी है
हाँ लगता है भालो सब कुछ, जो है दूसरी दुनिया का
जहां जाना चाहता है तुम, सब कुछ है बेकार वहां
ज़रा गौर से देखो ठीक से, बोलो क्या है कम यहां?
जन्नत जैसा है यह देखो समुन्दर कि दुनिया!
समुन्दर में! समुन्दर में!
नमी ही नमी है, कोई ना कमी है, समुन्दर में
वहां धरती पर कितना है काम?
यहाँ बस है पानी में आराम
यहां ना तो मजदूरी, ना यह मजबूरी, समुन्दर में
यहां मछलियां सब है खुश, झूमे नाचे लहरों में
पर धरती पर मछलियों को, हैं रखते कैदी जैसे
उनकी तोह किस्मत है फूटी, उन्होंने येह ना जाना
कि एक दिन वोह बन जायेंगे, किसी का स्वादिष्ट खाना
अरे ना!
समुन्दर में! समुन्दर में!
ना हम पकेंगे, ना हम तलेंगे, रसोई में
हमें खाने वालों से रहना दूर, नही तोह बन जायेंगे तंदूर
यहां ना डरना, मस्ती खूब करना, समुन्दर में!
(समुन्दर में!)
समुन्दर में! (समुन्दर में!)
मीठी है भाषा, ना कोई निराशा, समुन्दर में! (समुन्दर में! तर.... तर....)
तरह तरह के मछलियाँ, दिखाते अपनी हुनर जहां
खूब मनोरंजन, करते हैं सब जन, समुन्दर में!
सा-रे-गा-मा-पा या पा-धा-नी-सा
बतायें येह धुन समुन्दर के गुण
बजए बांसुरी, सितार, तबला, ळो गूंज उठी शहनाई
(Yeah !)
यह मछली कि ताल बिल्कुल बेमिसाल
बजए कोई साज़, कोई दे आवाज़
हैं संगीत सरगम, लहरों में हरदम, चाहे सुर हो न हो!
Yeah! समुन्दर में! (समुन्दर में!)
समुन्दर में! (समुन्दर में!)
सुबह हो या शाम, हो धूम धाम, गान सुनाएं (गान सुनाएं)
भूल जायेगा उस पार कि तोह, सुन के हमारे बैंड बाजों को
बजाते हैं ताली, गायेँ क़व्वाली, समुन्दर में!
बजाये सीटियां, शंख सीपियाँ, समुन्दर में!
जिंदगी मस्त हर जबरदस्त,
बुलबुला समा, हम सब हैं जमा
हमेशा है जीना, तान के सीना, समुन्दर में!