तुम्हारा दोस्त हूँ मैं
तुम्हारा दोस्त हूँ मैं
आये जब भी मुश्किलें
और दूर दूर तक्क न दिखे मंज़िलें
याद रखना जो मैंने कहा
था तुम्हारा दोस्त हूँ मैं
की तुम्हारा दोस्त हूँ मैं
कुछ लोगों को लगता है की
है वो मुझसे अच्छे
सच्चे ज़्यादा पक्के
फिर भी
उनमें से कोई इतना नहीं
चाहता तुम्हे जीतने में
तुम हो मेरी जान, हाँ
हो जाए चाहे जो
न होगी दोस्ती ये राम तो
हैं इससपे हाँ यकीन मुजरो
तुम्हारा दोस्त हूँ मैं
हाँ, तुम्हारा दोस्त हूँ मैं
तुम्हारा दोस्त हूँ मैं