रब्बा मेरे
इश्क़ किसी को
ऐसी न तड़पाए होय
दिल की बात रहे इस दिल में
होठों तक न आए
न आए
तुझे याद न मेरी आये
किसी से अब क्या कहना
तुझे याद न मेरी आये
किसी से अब क्या कहना
दिल रोया की आंख भर आये
दिल रोया की आंख भर आये
किसी से अब क्या कहना
तुझे याद न मेरी आये
किसी से अब क्या कहना
तुझे याद न मेरी आये
किसी से अब क्या कहना
दिल रोया की आंख भर आये
दिल रोया की आंख भर आये
किसी से अब क्या कहना
तुझे याद न मेरी आये
किसी से अब क्या कहना
तुझे याद न मेरी आये
किसी से अब क्या कहना
तुझे हर खुशी दे दी
लबों की हंसी दे दी
ज़ुल्फ़ों की घटा लहराई
पैगाम वफ़ा के लायी
तूने अच्छी प्रीत निभाई
किसी से अब क्या कहना
तुझे याद न मेरी आये
किसी से अब क्या कहना
वो चाँद मेरे घर आँगन
अब तो आएगा
तेरे सूने इस आँचल को
वो भर जायेगा
तेरी करदी गोद भराई
तेरी करदी गोद भराई
किसी से अब क्या कहना
दिल रोया की आँख भर आयी
दिल रोया की आँख भर आयी
किसी से अब क्या कहना
तुझे याद न मेरी आये
किसी से अब क्या कहना
वो महियाँ, वो महियाँ
खता हो गयी मुझसे
कहा कुछ नहीं तुमसे
इकरार जो तुम कर पाते
तो दूर कभी न जाते
कोई समझे न पीर परायी
कोई समझे न पीर परायी
किसी से अब क्या कहना
तुझे याद न मेरी आये
किसी से अब क्या कहना
तुझे याद न मेरी आये
किसी से अब क्या कहना
दिल रोया की आँख भर आयी
दिल रोया की आँख भर आयी
किसी से अब क्या कहना
तुझे याद न मेरी आये
किसी से अब क्या कहना
तुझे याद न मेरी आये
किसी से अब क्या कहना