दिल का दरिया बह ही गया
इश्क़ इबादत बन ही गया
खुद को मुझे तू सौंप दे
मेरी ज़रुरत तू बन गया
बात दिल की नज़रों ने की
सच कह रहा तेरी कसम
तेरे बिन अब ना लेंगे एक भी दम
तुझे कितना चाहने लगे हम
तेरे बिन अब ना लेंगे एक भी दम
तुझे कितना चाहने लगे हम
तेरे साथ हो जाएंगे ख़तम
तुझे कितना चाहने लगे हम
बात दिल की नज़रों ने की
सच केह रहा तेरी कसम
तेरे बिन अब ना लेंगे एक भी दम
तुझे कितना चाहने लगे हम
तेरे साथ हो जाएंगे ख़तम
तुझे कितना चाहने लगे हम
तुझे कितना चाहने लगे हम
इस जगह आ गई चाहते अब मेरी
छीन लूँगा तुम्हे सारे दुनिया से ही
तेरे इश्क़ पे हाँ हक़ मेरा ही तो है
केह दिया है ये मैंने मेरे रब से भी
जिस रास्ते तू ना मिले
उसपे न हो मेरे कदम
तेरे बिन ना लेंगे एक भी दम
तुझे कितना चाहने लगे हम
तेरे साथ हो जाएंगे ख़तम
तुझे कितना चाहने लगे हम
तुझे कितना चाहने लगे हम
तुझे कितना चाहने लगे हम