फिरता रहूँ , दरबदर, मिलता नहीं तेरा निशां
होक जुदा कब मैं जिया, तू है कहाँ मैं कहाँ
तेरी यादों में खोया रहता हूँ , मुझको डसती है तन्हाईयाँ
फिरता रहूँ , दरबदर, मिलता नहीं तेरा निशां
होके जुदा कब मैं जिया, तू है कहाँ मैं कहाँ
तू जो जुदा हो गयी, तेरी सदा खो गयी
देखले फिर जिंदगी, हाँ क्या से क्या हो गयी
जबसे बिछड़ी हूँ, रब से कहती हूँ, कितना सुना है तेरा जहाँ
फिरता रहूँ , दरबदर, मिलता नहीं तेरा निशां
होके जुदा कब मैं जिया, तू है कहाँ मैं कहाँ
कैसे कटे जिंदगी, मायूसियां बेबसी
राहें सभी खो गयीं , रौशनी दे रौशनी
मैं तो रहित हूँ, तेरी राहों में, बेखबर मुझको ढूंढे कहाँ
फिरता रहूँ , दरबदर, मिलता नहीं तेरा निशां
होके जुदा कब मैं जिया, तू है कहाँ मैं कहाँ
तेरी यादों में खोया रहता हूँ , मुझको डसती है तन्हाईयाँ