हाँलाकि मैं तुम्हे प्यार करती हूँ
मैंने खुद को गवां दिया और तुम्हारे हाथों तिरस्कृत हो गई
मैंने मौत मांगी, मैं विफल हो गई
क्योंकि तुम्हे कोई और मिल गया!
उस अपराधबोध से कि तुमने मुझे चोट पहुंचाई है
तुम आज माफी मांगने आए
क्यों, अगर तुमने मुझे धोखा दिया
सिर्फ तुम्हारी वजह से
तुम विश्वासघात को माफ कर रहे हो
लेकिन अगर तुम्हे लगता है कि तुम अभी भी झूठ बोल रहे हो ..
मुझे मत ललचाओ,यह मत करो
मैं एक औरत हूं और तुम जानते हो
वह औरत जिसके लिए तुम्हारे मन में निष्ठा नहीं
तुम्हे अभी भी भ्रम है
वह तुम्हे क्षमा कर देगी
ताकि इसके बाद मैं तुम्हे चूम लूंगी
और मेरे दिल में प्यार आ जाएगा
मुझे पहले से ही पता है कि तुम्हे खेद है।
और मुझे इसका बहुत पछतावा भी हुआ
जब तुम पहली बार मुझसे मिले थे
मुझे तुम्हें थामने के लिए।
मैं उस झूठ की उपेक्षा न कर सकी
मैं कितनी अंधी हो गई थी
मेरी माँ अभी भी आहें भर रही है,
मैं प्यार में कितनी अंधी हो गई हूँ