जब रात हो,
और चारों तरफ़ अंधेरा छाए,
और अटल चंद्रमा आकाश में हो1,
मै डरूँगा नहीं, और छोड़ दूंगा चिंता,
अगर तुम साथ हो, बस तुम साथ हो।
तो सनम रहो साथ मेरे, रहो मेरे संग,
रहो साथ मेरे, जैसे मन की तरंग2
अगर यह अंबर,
टूटकर गिर जाए,
और अगर यह पर्वत, सागरों में समा जाएं।
में रोऊँगा नहीं, न टपकाऊँगा एक बूंद भी आँसू,
जब तक तुम रहो मेरे संग।
तो सनम रहो मेरे साथ, रहो मेरे संग,
रहो मेरे साथ, जैसे मन की तरंग।
तो सनम रहो मेरे साथ, रहो मेरे संग,
रहो मेरे साथ, जैसे मन की तरंग।
और जब मुझपर मुसीबत आए,
क्या रहोगे तुम मेरे संग?
मै चाहता हूँ कि तुम,
बस रहो मेरे संग।
1. वास. केवल चंद्रमा के दर्शन हो2. धड़कन