[कोरस]
दिन से रात से सुबह,जियो साथ मेरे इस पल में
तुम्हें पाने दिया पता था मुझे,क्यू तुम नहीं कहते ऐसा?
ध्यान भी नहीं दिया , कोई पंच नहीं अब आगे बोलने के लिये
तुम्हें रखना होगा मुझे केंद्रित;तुम चाहते हो ? ऐसा बोलो
दिन से रात से सुबह,जियो साथ मेरे इस पल में
तुम्हें पाने दिया पता था मुझे,क्यू तुम नहीं कहते ऐसा?
ध्यान भी नहीं दिया , कोई पंच नहीं अब आगे बोलने के लिये
तुम्हें रखना होगा मुझे केंद्रित;तुम चाहते हो ? ऐसा बोलो
[वर्स १]
एक लम्बा अरसा हुआ जबसे डूबे तुम प्यार में
नहीं बाहर निकल रहे तुम अपने शेल से,तुम नहीं थे अपनी वास्तविकता में
बताओ, मैं क्या करूँ? (बोलो मुझे, मेरे प्यार)
क्यूँकि क़िस्मत से मैं हूँ अच्छी पढ़ने में
मैं नहीं करूँगी उसको परेशान ,मगर वो नहीं करेगा बंद चीसिन
और हम कर सकते हैं डान्स सारा दिन
अगर तुम हो तैयार सामने से, तो मैं हूँ झूमती
अगर तुम्हें चाहिए ,चिल्लाओ,शोर मचाओ, बेब
इससे पहले तुम्हें छोड़ दू मुश्किल में
[कोरस]
दिन से रात से सुबह,जियो साथ मेरे इस पल में
तुम्हें पाने दिया पता था मुझे,क्यू तुम नहीं कहते ऐसा?
ध्यान भी नहीं दिया , कोई पंच नहीं अब आगे बोलने के लिये
तुम्हें रखना होगा मुझे केंद्रित;तुम चाहते हो ? ऐसा बोलो
दिन से रात से सुबह,जियो साथ मेरे इस पल में
तुम्हें पाने दिया पता था मुझे,क्यू तुम नहीं कहते ऐसा?
ध्यान भी नहीं दिया , कोई पंच नहीं अब आगे बोलने के लिये
तुम्हें रखना होगा मुझे केंद्रित;तुम चाहते हो ? ऐसा बोलो (या)
[वर्स २]
मुझे देखने दो मेरे सीने को, मेरी साँसें जल्दी से (हा)
उसने नहीं देखा हैं ऐसी ड्रेस में (अह)
यह कभी भी नहीं हुआ किसी से इतना प्रभावित
प्रोली क्यू इसको इतना शांत कर दिया मैंने जैसे लगा दी ज़िप
करो पसंद,करो प्यार,ज़रूरत हो,बहुत
ले लो,अपना लो,चुरा लो,जल्दी
बॉय,मत करो नाटक,पकड़ो मुझे पीछे
क्यूँ तुम दिखाते जैसे हो शर्मीले? (हॉट)
बंद करो,बचा लो,बड़ते रहो आगे
क्यूँ तुम बात को घुमा रहे मुद्दे से?
ये जानते हुए तुम सब चाहते इस औरत को
मानो मत हार जब तक ना कर लो कोशिश (या, या)
सभी लड़कियों की जलन मेरे पास हो तुम
मेरे सभी अश्वेत बोलते तुम पागलपन तक हो कमिटेड
दूसरो से कही ज़्यादा सच जो थी तुम्हारी,और सुंदर
तुम्हारा पूरा शरीर ,आगे और पीछे
[कोरस]
दिन से रात से सुबह,जियो साथ मेरे इस पल में
तुम्हें पाने दिया पता था मुझे,क्यू तुम नहीं कहते ऐसा?
ध्यान भी नहीं दिया , कोई पंच नहीं अब आगे बोलने के लिये
तुम्हें रखना होगा मुझे केंद्रित;तुम चाहते हो ? ऐसा बोलो
दिन से रात से सुबह,जियो साथ मेरे इस पल में
तुम्हें पाने दिया पता था मुझे,क्यू तुम नहीं कहते ऐसा?
ध्यान भी नहीं दिया , कोई पंच नहीं अब आगे बोलने के लिये
तुम्हें रखना होगा मुझे केंद्रित;तुम चाहते हो ? ऐसा बोलो