अवल अल्लाह नूर उपाया
कुदरत के सब बन्दे
एक नूर ते सब जग उपजेया
एक नूर ते सब जग उपजेया
कौन भले को मंदे
कौन भले को मंदे
सब रब दे बन्दे (x8)
ये पत्तियाँ उगते हुए ज़ात ना देखे
रंग ना बदले धरम को लेके
इस से कुछ तो सीखें
चल चाय पीते हैं
ना कोई राईट ना कोई रॉंग
बस इंसानियत अपनी कौम
यो तोह्सीफ़ तेजस टॉम
चल चाय पीते हैं
ये ज़िन्दगी हैं सीधी सीधे सिंपल इसके फंडे
गलतफ़हमी में क्यूँ जिनी
चल चाय पीते हैं
अरे सबका एक कप
एक ही चम्मच से दूध
सबकी एक जैसी चीनी
चल चाय पीते हैं
सब रब दे बन्दे (x8)
एक ही माटी से उसने तो आदम ज़ात बनाई
किसने यहाँ बनये हिन्दू, मुस्लिम, सिख, इसाई
एक ही माटी से उसने तो आदम ज़ात बनाई
किसने यहाँ बनये हिन्दू, मुस्लिम, सिख, इसाई
ओए तोड़ दे फेरा दीन धरम दा
ओए तोड़ दे फेरा दीन धरम दा
खुल जाए सब फंडे
सब रब दे बन्दे (x8)