सुन आवाज़ कड़कड़ती बिजली की
बहती जाये आत्मा की गहराइयों में
जिस्म के अंदर , गड़गड़ाती सी
ताल से ताल मिला के बजती ढोल सी
बनो जो तुम चाहो दुश्मन या प्रेमी
हम हैं यहाँ यही जानने के लिये
दिल जो धड़कता हैं एक दूसरे के सीने में
आज रात हम दिल को धड़काये
अगर हम मर जाये, कल ही
क्या दिखा सकेंगे सबको
चालाकी से भरे पेंतरे
छुपे जो गहराई में
धुन मन में जो बसी कहती हमसे
उड़ सकेंगे हम कल
ख़ूबसूरत हवा के झोके पे सवार
आकाशीय पथ पर प्यार होगा सवार
मैं धुँध लूँगा फिर से वही धुन
बनो तुम दुश्मन या भाई
हम हैं यहाँ यही जानने के लिये
दिल जो धड़कता हैं एक दूसरे के सीने में
आज रात हम दिल को धड़काये …
अगर हम मर जाये, कल ही
क्या दिखा सकेंगे सबको
चालाकी से भरे पेंतरे
छुपे जो गहराई में
धुन मन में जो बसी कहती हमसे
उड़ सकेंगे हम कल
ख़ूबसूरत हवा के झोके पे सवार
आकाशीय पथ पर प्यार होगा सवार
मैं धुँध लूँगा फिर से वही धुन