लटक रहा है मुँह
ऐसे ना होने दूँ
कौन है सबसे सुंदर
वो हूँ मैं....
मेरी ख़ूबसूरती हैं दुनिया में मशहूर
इस रूप के लिए हज़ारों क्या क्या ना करते हैं
जीते हैं मरते हैं हर कदम में अदा
दुनिया मुझपे फ़िदा
ये सोचके बेहोश होती मैं भी
कितने हैं बेचारे जो मुझसे करते है प्यार
बस एक झलक के लिए दीवाने उनकी हूँ सूपरस्टार
ना मुझसा कोई दिलनशी
नहीं हैं मुझ में कमी
मैं हूँ बेमिसाल ..हैं ना
हूँ शानदार...हूँ रौबदार
सुनती बार बार
तड़पे तरसे कब से ये खड़े हैं
लो आ गयी हूँ मैं
और ...आ..आ...आउ आउ...
पा सकते हैं मुझ को कभी
ये सबकी ग़लतफ़हमी
जितने यहाँ पराये है शामिल
तुम में से ना कोई मेरे क़ाबिल
मेरे लिये सुंदर ना हैं काफ़ी
सुंदर हूँ मैं अति...