और धीमे बोलो,
कोई हमें सुन लेगा।
दुनिया तुम्हारे मीठे शब्दों के लिए तैयार नहीं है।
दुनिया हमारे लिए तैयार नहीं है ।
कहती रही है बस
कि हम पागल हैं।
और धीमे बोलो, मगर फिर बोलो,
मस्त मुहब्बत, मज़बूत मुहब्बत के बारे में।
और धीमे बोलो,
कोइ हमें पकड़ लेगा।
तुम अच्छी तरह जानते हो
कि वह कभी हमें समझना न चाहेगा,
कि हमारे दिलों में, मुझे वह मिल गया,
दुनिया जो हमें देने से इनकार करती थी।
और धीमे बोलो, मगर फिर बोलो,
मस्त मुहब्बत, मज़बूत मुहब्बत के बारे में।
और धीमे बोलो,
कोई हमें सुन लेगा।
तुम जानते हो
कि हम इंतज़ार नहीं कर सकते
उनकी, जिन्होंने ऐसे गाने बनाए,
जिनमें "मैं तुमसे प्यार करता हूँ" है ही नहीं,
जिनमें इश्क और तर्क का काफ़िया मिलता है।