कौन तुम्हें मेरी तरह समझ सकता है
कौन तुम्हें मेरे जैसा प्यार कर पाएगा?
इस दर्द को कौन बता पाएगा
कि तुम मेरी भलाई हो और मैं तुम्हारी बुराई।
कौन उस ठंड को महसूस कर पाएगा जो मुझे खाए जा रही है
मैं उस ठंड को महसूस भी नहीं कर सकता जो मुझे खा रही है
मुझे शक है कि कोई ....
मुझसे ज्यादा परिपूर्ण है।
शब्दों और पैसों के बिना
कौन तुम्हें वह दे सकता है दो जो मैंने तुम्हें दिया?
कौन तुम्हारी बाहों से ले सकेगा
वह गर्मजोशी जिसके लिए मैंने प्रार्थना की थी अपनी प्रार्थना में
तुम्हारे होठों से सुनने वाला कौन होगा
जो मैं तुम्हारे होठों से नहीं सुन सका
मरना कहीं अधिक अच्छा है
अब तुम्हारे बिना होने से, तुम्हारे बिना ....
मै कहाँ जाऊँ
जहाँ तुम नहीं हो
मैं तुमसे प्यार करने के लिए कभी भी इतना चतुर नहीं था
मुझे कभी नहीं पता था कि बाद में मेरे लिए कुछ है ....
मैं चिल्लाना चाहता हूँ
यहां से बहुत दूर
कि यह तुम्हारे लिए बड़ा हक़ अदा कर रहा है
मेरा दर्द, मेरी निंदा
ताकि आप खुश रहें।
कौन सुनेगा...