मम्मा ए सब क्यों होराइ
में देखो आसमान में
तो आओ आप नज़र
आपके प्यार की चाँदनी महसूस होती हर पल
हम टी एक पेरफ़ेक्ट फॅमिली, बाबा आप और में
सोचा ना था कोई और आगिठों
उर जाएंगे आपको
आपकी कहानी योमे चंग'ए वाली है best
आपने हाई कोको पर वो चालीगई ऊपर
और देखरहीन उसकि रा
आश बाबा होती यूं
घर साबितकर तो में इस बातको, लौटाएंगे वो
"मुझे पता है चंग'ए मून पर है
पर में साबित कैसे करून
वो यहां से 384,400 किलोमीटर दूर है
में ऊपर कैसे जाऊं"
उर जाऊं, चंग'ए क्या तुम बुलारही हो
उर जाऊं, क्या तुम मुझे देख्रहीन हो
है दिखरये क्या आँसू मेरे
क्या तुम सुणरेही हूँ मेरी पुका
उर जाऊं, काश ऊँचाइयों को मैं छू पाऊँ
चाँद पर मैं जाके रहूँगी
चलूँगी वहाँ आँखें मूँद
रास्ता जाने का लूँगी धुँध
बनाके रॉकट जाऊँ मैं मून
फ़ैमिली को बचाने, मैं चाँद पर भी जाऊँगी
जा पाई तो प्यार है क्या, बाबा को समझाऊँगी
सच्चा प्यार होता है अमर, एहसास दिलाऊँगी
दिखाऊँगी क्या होगी मेरी दुआही मंज़ूर
है छाया मुझ पर है कैसा फितूर
राकेट बनाके छाना पढ़ी दूर
ओ फिर रहा मनकी
उर जाऊं, चंग'ए से चांदर में
मिल पाऊं बाबा में दिखाड़ूँगी
उर जाउंगी, बढ़ी योंकोथोड
यह चौआ मुझ पर एवक जुनून
उँ आरहीन में दुर