बच के आगे वो हैं
बच के ...पीछे हैं मौत...
छीनू जो नहीं मेरे पास..
यानी सब कुछ
बस एक पीछे दुश्मन
बच के..यह माँगे माल
बहाल..मैं टन टन गोपाल
बस छोटी सी ब्रेड यार..
(नीचे गिराओ,दम लगाओ ज़ोरदार)
बाक़ी सब कर के मुझसे बैर
एक तू ही मेरा दोस्त...अबू
(इसकी बातें ना कर..बड़ा निकम्मा
अच्छा ख़ासा लगता पर है यह चोर )
कहाँ शिकायत करूँ..ना बाप ना अम्मा
धन हैं ज़रूरी तभी करूँ चोरी
कैसे बताऊँ क्यूँ बन चोर
बच के पीछे आफ़त...छिप लूँ भाग लूँ
क्यूँ ना अपना नाम बदल लूँ
बच के आये कसाई, बच के भेड़ भाई
चक्कर खिलाता हूँ इस बार
छोटी सी थी गलती
(इसको देखके मेरी नियत हैं बदलती)
धन हैं ज़रूरी तभी करूँ चोरी
वरना हम तो करते प्यार
बच के..पीछे भीड़
बच के..आगे गून
बच के ..खूनी किरायेदार
पल में मेरे यार..अब क्या..जाएगा पकड़
हम या लगा ले पर ..हम चल मेरे पेराशूट...