मेरे तो हरदम रहें क़दम आगे
हर वार करे मुझे तेज़
चोरी से कैसे करूँ परहेज़?
मजबूरी है, भाई
कानून से भागूँ मैं हरदम, कोई शौक़ नहीं है मुझे
ये लोग तो मुझको नहीं समझे
(लुच्चा, लफ़ंगा, सड़कछाप) रास्ता नाप
लो दरोगा जागा
(जाओ ऊपर वो है भागा)
आऊँगा ना हाथ जाने तू ये बात
यारों को बुला चाहे तू (वाह!)
बिचारे अलादीन, ये तो हरदम
सर दर्द के है ज़ुर्मों में डूबा
माँ-बाप के ना होने का है ये सितम
खाना रोज़ाना होगा चुराना
बात ये समझे ना ज़माना
हरदम बे-अक्लों से सँभलूँ
ठोकर से बचना मालूम
एक दम से ग़ायब होना सीखो तुम
हरदम हवा हो जाऊँ मैं
हर एक गली मेरा घर
आओ, दे दूँ इनकी तुम्हें ख़बर
(पकड़ो) रोको
अबू , भागो
ऐसी भी क्या जल्दी?
आजा, लगा लें तेल और हल्दी
खाना रोज़ाना होगा चुराना
क्यूँ मैंने कही ना सही? (नहीं)
ख़तरे में रहूँ मैं हरदम, इसका नहीं मुझे ग़म
जब तक निकम्मे जागे, पीछे हैं वो, मैं आगे
ये लो देखो मेरी चाल, ये मेरा है कमाल
कि रहूँ आगे मैं हरदम