इसके बारे में सोचो
यदि तुम जाना चाहते हो , तो लौट कर मेरे पास मत आना
रोती हुई मैं दरवाज़ा बंद कर दूँगी
बिना किसी विद्वेष के
मेरी तरफ से तुम्हें पूरी आज़ादी है
जो मर्ज़ी आए वो करो
मैं कौन होती हूँ तुम्हें यहां रोकने वाली
अगर प्यार ही नहीं है।
मुझे तुम से क्या अपेक्षा है
जब भी मुझे तुम्हारी सबसे ज्यादा जरूरत होती है
तुम मेरी जगह को इतना छोटा कर देते हो
कि जब तुम मुझे चूमते हो तो मेरा दम घुट जाता है
मुझे तुम से क्या अपेक्षा है
अगर तुम हमें कोमलता से जीतने
और आलिंगन से हमारे दर्द को दूर करने
के साहसिक कार्य करने से भी
डरते हो
मैं तंग आ गई हूँ
तुम्हारी निष्ठुरता से
सदा संघर्ष करते रहने से ताकि तुम तनिक दयालुतापूर्ण व्यवहार दिखाओ
और हमेशा हारते रहने से, हमेशा हारते रहने से
तुम जानते हो
कि मैं पूरी तरह से तुम्हारी हूँ
और मैं खुद को पूरी तरह सौंपती हूँ
तो आज मुझे यहाँ बताओ
मैं हूँ, या मैं थी