है धोका और छल
देखो बताती है उसकी शकल
धोका.....मातारी
छलावा...करे रे
आना नहीं चाहिए था इसे
है यह अब भी मातारी
है धोका और छलावा...करे रे
आना नहीं चाहिए था इसे
(दुम दुमा के भाग यहाँ से)
(नफ़रत में पला है यह,क्या भला करेगा यह)
(जाने दो,जीने दो ,ख़बरदार तुम फिर जो आए इधर
हम जैसा यह नहीं
यह कभी हमसा था ही नहीं
हम में से एक नहीं,हमसा नहीं)
(हमें झूठ किसी ने बोला था
अब हम सब जान गए
ख़बरदार हमको होगा यही,
नहीं होगा कभी भी यह हम जैसा )
जैसा...यह नहीं
यह धोका...फ़रेब ...(x2)
यह धोका ....