नैना सुनते नहीं मेरी हाय
नैना ऐसे वैसे मुझे बहकाये
मैं कहूँ बेहाल की दुहाई
प्रीत तेरी नज़रों से क्यों लगायी
अब तेरे बिन मर न जाएँ
नैना सुनते नहीं मेरी हाय
बस तू ही रहता जिसमें अब
दुनिया ही दूजी बसाई
मैं कहूँ इसे क्या अब पागलपन
तुझमें ये जान समायी
मैं बस तुझमें हूँ खोया
कब रात कब दिन होया
बिन देखे हुए कितने साल
कैसे कैसे ये सपने दिखाए
बिन पूछे ही दिल ये लगाए
नैना सुनते नहीं मेरी हाय
नैना ऐसे वैसे मुझे बहकाये
मैं कहूँ बेहाल की दुहाई
प्रीत तेरी नज़रों से क्यों लगायी
अब तेरे बिन मर न जाएँ
नैना सुनते नहीं मेरी हाय
ये सांस बिना भी जी लेंगे पर
तू है ज़रूरी इनको
लख बंदिशें करें जिस्म पे पर
कैसे संभालें मन को
नैना तेरे संग बड़े ित्रायें
तेरे बिन आंसू छल्कायें
नैना सुनते नहीं मेरी हाय
नैना ऐसे वैसे मुझे बहकाये
मैं कहूँ बेहाल की दुहाई
प्रीत तेरी नज़रों से क्यों लगायी
अब तेरे बिन मर न जाएँ
नैना सुनते नहीं मेरी हाय