तुम्हारे बिना प्यार,
मैं बुझ गई हूँ ।
मेरे अंदर की रौशनी
मुझसे निकल गई है
समय मुझे
कोई समाधान नहीं दे पाया
और मेरा दिल अकारण
धड़कता है।
तुम्हारे बिना प्यार,
मैं बुझ गई हूँ ।
मेरे अंदर की रौशनी
मुझसे निकल गई है
ऊह ऊह मैं तुम्हें चाहता हूँ
ऊह ऊह आज वापस आ जाओ
हे! हे!
मेरे भीतर की आग जलाओ
जो मेरे दर्द की वजह को नष्ट कर देगी ,
क्योंकि इससे बेहतर कुछ भी नहीं है
कि तुम्हारे प्यार की लौ मेरे दिल में जलती रहे
तुम्हारे बिना प्यार,
मेरे पास कोई समाधान नहीं
मुझे तुम्हारी याद सताती है
और साँस नहीं चलती
निष्कर्ष यह है
कि तुम वह हो
जिससे दूर नहीं रहा जा सकता ,
कितनी मृदु अनुभूति है।
ऊह ऊह मैं तुम्हें चाहता हूँ
ऊह ऊह आज वापस आ जाओ
हे! हे!
मेरे भीतर की आग जलाओ
जो मेरे दर्द की वजह को नष्ट कर देगी ,
क्योंकि इससे बेहतर कुछ भी नहीं है
कि तुम्हारे प्यार की लौ मेरे दिल में जलती रहे
मेरे भीतर की आग जलाओ
जो मेरे दर्द की वजह को नष्ट कर देगी ,
क्योंकि इससे बेहतर कुछ भी नहीं है
कि तुम्हारे प्यार की लौ मेरे दिल में जलती रहे