कैसे जियूँगा कैसे बता दे मुझको
तेरे बिना..
कैसे जियूँगा कैसे बता दे मुझको
तेरे बिना..
तेरा मेरा जो हो ले चलूँ मैं वहाँ
कोई तुझको न मुझसे चुरा ले
रख लूँ आँखों में मैं
खोलूं पलकें न मैं
कोई तुझको न मुझसे चुरा ले
मैं अंधेरों से घिरा हूँ..
आ दिखा दे तू मुझको सवेरा मेरा
मैं भटकता एक मुसाफिर
आ दिल दे तू मुझको बसेरा मेरा..
जागी जागी रातें मेरी
रोशन तुझसे है सवेरा
तू ही मेरी जीने की वजह
जब तक है ये साँसें मेरी
इनपे है सदा हक तेरा
पूरी है तुझे मेरी दुआ..
तेरा मेरा जो हो ले चलूँ मैं वहाँ
कोई तुझको न मुझसे चुरा ले
रख लूँ आँखों में मैं
खोलूं पलकें न मैं
कोई तुझको न मुझसे चुरा ले
मैं अंधेरों से घिरा हूँ..
आ दिखा दे तू मुझको सवेरा मेरा
मैं भटकता एक मुसाफिर
आ दिल दे तू मुझको बसेरा मेरा.