"ज़ाहिद शराब पीने दे, मस्जिद में बैठकर
या वो जगह बता दे, जहाँ पर खुदा ना हो"
मुझको यारों माफ़ करना, मैं नशे में हूँ
मुझको यारों माफ़ करना, मैं नशे में हूँ
अब तो मुमकिन है बहकना, मैं नशे में हूँ
मुझको यारों माफ़ करना, मैं नशे में हूँ
कल की यादें मिट रही हैं, दर्द भी है कम
अब ज़रा आराम से आ जा रहा है दम
आ जा रहा है दम
कम है अब दिल का तड़पना, मैं नशे में हूँ
अब तो मुमकिन है बहकना, मैं नशे में हूँ
मुझको यारों माफ़ करना, मैं नशे में हूँ
ढल चूकी है रात कब की, उठ गयी महफ़िल
मैं कहाँ जाऊँ, नहीं कोई मेरी मंज़िल
नहीं कोई मेरी मंज़िल
दो कदम मुश्किल है चलना, मैं नशे में हूँ
मुझको यारों माफ़ करना, मैं नशे में हूँ
है ज़रा सी बात और छलके हैं कुछ प्याले
वरना जाने क्या कहेंगे ये जहां वाले
कहेंगे ये जहां वाले
तुम बस इतना याद रखना, मैं नशे में हूँ
अब तो मुमकिन है बहकना, मैं नशे में हूँ
मुझको यारों माफ़ करना, मैं नशे में हूँ