मै ज़िंदगी का साथ निभाता चला गया!
हर फ़िक्र को धुएं में उढ़ाता चला गया!
हर फ़िक्र को धुएं में उढ़ा...
बर्बादीयों का शोक मनाना फ़ज़ूल था!
बर्बादीयों का शोक मनाना फ़ज़ूल था, मनाना फ़ज़ूल था, मनाना फ़ज़ूल था!
बर्बादीयों का जश्न मनाता चला गया।
बर्बादीयों का जश्न मनाता चला गया।
हर फ़िक्र को धुएं में उढ़ा...
जो मिल गया उसी को मुकद्दर समज लिया,
जो मिल गया उसी को मुकद्दर समज लिया, मुकद्दर समज लिया, मुकद्दर समज लिया!
जो खो गया, मै उसको भुलाता चला गया।
जो खो गया, मै उसको भुलाता चला गया।
हर फ़िक्र को धुएं में उढ़ा...
ग़म और खुशी में फ़र्क न महसूस हो जहाँ,
ग़म और खुशी में फ़र्क न महसूस हो जहाँ, न महसूस हो जहाँ, न महसूस हो जहाँ,
मै दिल को उस मुकाम पर लाता चला गया।
मै दिल को उस मुकाम पर लाता चला गया।
हर फ़िक्र को धुएं में उढ़ा...