मेरा जीवन कोरा कागज़ कोरा ही रह गया
जो लिखा था आँसुओं के संग बह गया
मेरा जीवन कोरा कागज़...
इक हवा का झोंका आया
टूटा डाली से फूल
ना पवन की, ना चमन की
किसकी है ये भूल
खो गई खुशबू हवा में कुछ न रह गया
मेरा जीवन कोरा कागज़...
उड़ते पंछी का ठिकाना
मेरा न कोई जहां
ना डगर है, ना खबर है
जाना है मुझको कहाँ
बन के सपना हमसफ़र का साथ रह गया
मेरा जीवन कोरा कागज़...
दुख के अन्दर सुख की ज्योती
दुख ही सुख का ज्ञान
दर्द सह के जन्म लेता
हर कोई इंसान
वो सुखी है जो खुशी से दर्द सह गया
मेरा जीवन कोरा कागज़...