महेंदी वेले हाथ वो तेरे
पायल वाले पानव
मेहंदी वाले हत वो वो तेरे
पायल वाले पानव
यद बहोत आटे हैं मुजको
तू और अपना गाँव
कच्छी पगडण्डी की जाति
और नीम की छाँव
कच्छी पगडण्डी की जाति
और नीम की छाँव
यद बहोत आटे हैं मुजको
तू और अपना गाँव
महेंदी वाले हठ
गनव क वोह तलब
जहँ हर रो मिलत कर्ता थ
बातेन कते कते
तेरी चूडि भी गिन्ता थां
तेरी भोली बातिन सुनकर
अकार मुख्य हंता था
याद अनहिं अब भी कर्ता हूं
शेहर मे सुभ शम
याद अनहिं अब भी कर्ता हूं
शेहर मे सुभ शम
यद बहोत आटे हैं मुजको
तू और अपना गाँव
महेंदी वाले हठ
महेंदी वाले हठ
हो मेहंदी वाले हठ
हो हो हो
हो हो हो
क्या तोन अब भी राखे हैं
प्रेम के वो संडेश
पथार बाँध के छट पार
तेरी डिटा थो जो फंक
याद मुजे कर्ता है
क्या तू अब अनख दे
क्या तेरा होथों को पाटा है
अब भई मेरा नाम
क्या तेरा होथों को पाटा है
अब भई मेरा नाम
यद बहोत आटे हैं मुजको
तू और अपना गाँव
महेंदी वेले हाथ वो तेरे
पायल वाले पानव
मेहंदी वाले हत वो वो तेरे
पायल वाले पानव
यद बहोत आटे हैं मुजको
तू और अपना गाँव