मेरे सपनों की मेचिता
मोहक छोटी गुड़िया,
तुम्हारी उठती जवानी ने संजो रखी है
वैभव की एक पूरी दुनिया;
तुम्हारी आँखों में जो रहस्य है
उसने मेरी सारी शांति भंग कर दी है
और मेरे अन्दर पैदा कर दी है
प्यार की एक आशा.......(पुनरावृत्ति)
मेचिता, तुम सुंदर हो,
तुम्हारी आँखें,
तुम्हारी आँखें मुझे आकर्षित करती हैं,
तुम्हारे मुख,
तुम्हारे दिव्य मुख
को मैं चाहता हूँ
मैं चूमना चाहता हूँ
मेचिता, तुम अच्छी तरह से जानती हो
कितना
मैं तुम्हें कितना प्यार करता हूँ,
इसलिए मैं तुमसे विनती करता हूं
मुझे और कष्ट मत दो!....(पुनरावृत्ति)