नियति या अभिशाप
क्या है यह जो हमें चला रहा है , मेरे दिल ?
एक दूजे से अचेत
हम दो खामोश चीखें हैं
दो अनकहे भाग्य
दो बिछुड़े हुए प्रेमी
हम दो खामोश चीखें हैं
दो अनकहे भाग्य
दो बिछुड़े हुए प्रेमी
मैं तुम्हारे लिए तड़पती रहती हूं और मरती रहती हूं
मैं तुम्हे पाने और समझने में सर्वदा असमर्थ हूं
मैं बिना वजह तुम्हे प्यार और नफरत करती हूं
दिल, तुम कब तंग आओगे
हमारी मृत आशाओं से
कब रुकोगे, दिल?
दिल, तुम कब तंग आओगे
हमारी मृत आशाओं से
कब रुकोगे, दिल?
इस लड़ाई में, इस पीड़ा में
मैं गाती हूँ और खुशी मिलते ही रोती हूं
मैं खुश और अत्यंत दुखी हूं
कैसी नियति है तुम्हारी, मेरे दिल
कि तुम हमेशा बेचैन रहते हो
तुम सब कुछ न्योछावर कर देते हो और कुछ भी नहीं रखते अपने पास
कैसी नियति है तुम्हारी, मेरे दिल
कि तुम हमेशा बेचैन रहते हो
तुम सब कुछ न्योछावर कर देते हो और कुछ भी नहीं रखते अपने पास
इस अवरुद्ध अकेलेपन में
जो तुमने मुझे दिया है, मेरे दिल
न जीवन है और न ही मृत्यु है
यह सुबोधगम्यता और मूर्खता है
अपने भाग्य को पढ़ने के लिए
बिना किसी शक्ति के जो इसे बदल सके
यह सुबोधगम्यता और मूर्खता है
अपने भाग्य को पढ़ने के लिए
बिना किसी शक्ति के जो इसे बदल सके