मैं पल दो पल का शायर हूँ
पल दो पल मेरी कहानी है
पल दो पल मेरी हस्ती है
पल दो पल मेरी जवानी है
मैं पल दो पल का शायर हूँ...
मुझसे पहले कितने शायर
आए और आकर चले गए
कुछ आहें भर कर लौट गए,
कुछ नग्में गा कर चले गए
वो भी एक पल का किस्सा थे,
मैं भी एक पल का किस्सा हूँ
कल तुम से जुदा हो जाऊँगा,
वो आज तुम्हारा हिस्सा हूँ
मैं पल दो पल का शायर हूँ...
कल और आयेंगे नग्मों की
खिलती कलियाँ चुनने वाले
मुझसे बेहतर कहनेवाले,
तुमसे बेहतर सुननेवाले
कल कोई मुझको याद करे,
क्यों कोई मुझको याद करे
मसरूफ जमाना मेरे लिए,
क्यों वक्त अपना बर्बाद करे
मैं पल दो पल का शायर हूँ...