सच्चाई का लेकर शस्त्र
और अहिंसा का ले अस्त्र
तुमने अपना देश बचाया
गोरों को था दूर भगाया
दुश्मन से भी प्यार किया
माना परोपकार किया
असहकार का मार्ग दिखाया
शांति से जीना सिखाया
स्वावलम्बन का पाठ पढ़ाया
हाथ पकड़ कर चलना सिखलाया
स्वदेशी का किया स्वीकार
विदेशी का किया बहिष्कार
डर कर ना कभी पीछे हटे
धर्म जात से परे रहे
हम करते तुम्हें नमन
तुम्हें चढ़ाते प्रेम सुमन
दुश्मन से भी प्यार किया
माना परोपकार किया
असहकार का मार्ग दिखाया
शांति से जीना सिखाया
स्वावलम्बन का पाठ पढ़ाया
हाथ पकड़ कर चलना सिखलाया
स्वदेशी का किया स्वीकार
विदेशी का किया बहिष्कार
डर कर ना कभी पीछे हटे
धर्म जात से परे रहे
हम करते तुम्हें नमन
तुम्हें चढ़ाते प्रेम सुमन
तुम्हें चढ़ाते प्रेम सुमन