मोह मोह के धागे
मोह मोह के धागे
हम...
ये मोह मोह के धागे
तेरी उँगलियों से जा उलझे
ये मोह मोह के धागे
तेरी उँगलियों से जा उलझे
कोई टोह टोह ना लागे
किस तरह गिरहा ये सुलझे
है रोम रोम एक तारा
है रोम रोम एक तारा
जो बादलों में से गुज़रे
ये मोह मोह के धागे
तेरी उँगलियों से जा उलझे
कोई टोह टोह ना लागे
किस तरह गिरहा ये सुलझे
तू होगा ज़रा पागल तूने मुझको है चुना
तू होगा ज़रा पागल तूने मुझको है चुना
कैसे तूने अनकहा
तूने अनकहा सब सुना
तू होगा ज़रा पागल तूने मुझको है चुना
तू दिन सा है मैं रात, आना दोनो मिल जाए शामों की तरह
ये मोह मोह के धागे
तेरी उँगलियों से जा उलझे
कोई टोह टोह ना लागे
किस तरह गिरहा ये सुलझे
के तेरी झूठी बातें मैं सारी मान लूँ
के तेरी झूठी बातें मैं सारी मान लूँ
आँखों से तेरे सच सभी
सब कुछ अभी जान लूँ
के तेरी झूठी बातें मैं सारी मान लूँ
तेज़ है धारा
बहते से हम आवारा
आ थम के साँसे ले यहाँ
ये मोह मोह के धागे
तेरी उँगलियों से जा उलझे
कोई टोह टोह ना लागे
किस तरह गिरहा ये सुलझे
हम...