लो चली मैं
लो चली मैं
अपने देवर की बारात ले के
लो चली मैं
लो चली मैं
अपने देवर की बारात ले के
लो चली मैं
न बंद बाजा नहीं बाराती
खुशियों की सौगात ले के
लो चली मैं
अपने देवर की बारात ले के
लो चली मैं
देवर दूल्हा बना
सर पे सेहरा सजा
भाभी बढ़कर आज बलाइयां लेती है
प्रेम की कलियाँ खिलें
पल पल खुशियां मिलें
सच्चे मन से आज दुआएं देती है
घोड़े पे चढ़ के चला है बांका अपनी दुल्हन से मिलने
लो चली मैं
लो चली मैं
अपने देवर की बारात ले के
लो चली मैं
बाह बाह राम जी
जोड़ी क्या बनायीं
देवर देवरानीजी
बधाई हो बधाई
सब रसमों से बड़ी है जग में दिल से दिल की सगाई
आयी है शुभ घडी
आज बानी मैं बड़ी
कल तक घर की बहु थी अब हूँ जेठानी
हुकुम चलूंगी मैं
आँख दिखाउंगी मैं
सेहमी खड़ी रहेगी मेरी देवरानी
हज़ार सपने पलकों में अपने दीवानी मैं साथ ले के
लो चली मैं
लो चली मैं
अपने देवर की बारात ले के
लो चली मैं