जो पल हमेशा मेरे सपने में रहता था
क्या तुम जानते हो कि वह पल आ गया है अब
जब मैं तुम्हारे सामने खड़ा हूं
मैं क्या करना चाहता था
मैं क्या कहना चाहता था
मैं सब कुछ भूल गया हूँ
मैं इस से अत्यन्त डरता था
यह क्षण जो मुझे
दुनिया के अंत का
स्मरण कराता था
वह पल जब तुम मेरे सामने होगी
और अपने हाथों में
अनजाने कदाचित मेरा भाग्य लिए हुए
यहां तक कि अगर मैं इस बार बाज़ी मार भी लेता हूँ
हाँ, भले ही मुझे तुम्हारा प्यार हासिल हो जाए
मुझे अविराम संघर्ष की आवश्यकता रहेगी
तुम जल्दी ही मुझ से थोड़े दिनों में ऊब सकती हो !
अगर मैं तुम्हारे सामने
थोड़ा अटपटा महसूस करता हूँ
और अगर तुम्हे रिझाने के लिए जो चाहिए
वह मुझे खोजना नहीं आता
मुझे केवल तुम्हे प्यार करना आता है
मुझे दोष मत दो
और आओ और मुझे आश्वस्त करो
और मेरे डर को भगाओ