जिस दिन बरसात पड़ेगी
हम, तुम और मैं होंगे,
दुनिया में सबसे अधिक धनवान,
दुनिया में सबसे अधिक धनवान।
पेड़ ख़ुशी के मारे रो पड़ेंगे,
उनकी बाँहों में हमारे लिए भेंट स्वरूप होंगे
दुनिया के अत्यंत सुन्दर फल,
दुनिया के अत्यंत सुन्दर फल
उस दिन।
रूखी , रूखी लाल मिट्टी
जो हर जगह से फट रही है,
पत्तों से रिक्त और अचल शाखाएं
बरसात में पूरी तरह से तर हो जाएंगी।
और लहरों की तरह चलता हुआ गेहूं
भूले बिसरे गोदामों को भी पूरी तरह भर देगा
और मैं तुम्हे डालूंगा अंगूठियां
और खूबसूरत, बेहतरीन हार।
हाँ, हाँ.....
जिस दिन बरसात पड़ेगी
हम, तुम और मैं होंगे,
दुनिया के मँगेतर
दुनिया में सबसे अधिक धनवान।
पेड़ ख़ुशी के मारे रो पड़ेंगे,
उनकी बाँहों में हमारे लिए भेंट स्वरूप होंगे
दुनिया के अत्यंत सुन्दर फल,
दुनिया के अत्यंत सुन्दर फल।
उस दिन
उस दिन