युवा पत्रवाहक की मृत्यु हो गयी है
अभी वह सत्रह वर्ष का ही था
प्यार अब कहीं भ्रमण नहीं कर पाएगा
वह अपना संदेशवाहक खो चूका है
वह प्रति दिन आया करता था
उसकी बाँहों पर मेरे प्यार के सन्देश लदे रहते थे
उसके हाथों में होता था
तुम्हारे उपवन का प्यार का पुष्प
वह नीले गगन में प्रस्थान कर गया
एक पक्षी की तरह जो आखिर में स्वछंद और खुश हो जाता है
और जब उसकी आत्मा ने उससे विदा ली
एक बुलबुल ने कहीं से उसके लिए गीत गाया
मैं तुम्हे पहले जितना ही प्यार करता हूँ
लेकिन अब मैं उसे तुम्हारे लिए यह नहीं कह पाउँगा
वह अपने साथ ही ले गया वे अंतिम शब्द
जो मैंने तुम्हारे लिए लिखे थे
वह अब उन सड़कों पर नहीं जाएगा
जहां गुलाब और चमेली के फूल हैं
जो तुम्हारे घर की तरफ जाती हैं
प्यार अब कहीं भ्रमण नहीं कर पाएगा
वह अपना संदेशवाहक खो चूका है
और मेरा दिल कारगर में है
वह किशोर अवस्था में चल बसा
जो तुम्हारे पास मेरे दुःख और सुख की ख़बर लाता था
शीत ने वसंत का वध कर दिया है
हम दोनों के लिए अब कुछ नहीं बचा