जब मैं अपनी यादों की ओर मुड़ता हूँ
मैं वह घर फिर से देखता हूँ जहां मैं बड़ा हुआ था
मेरे स्मरण में ढेर सारी चीज़ें एक बार फिर ताज़ा हो जाती हैं
उपवन में गुलाब के फूल देखता हूं
जहां पेड़ रहते थे
वहां शहर है,
और घर, फूल जिन्हें मैं बहुत प्यार करता था,
अब अस्तित्व में नहीं है
मेरे सभी दोस्तों को हंसना आता था
उन्हें मेरे साथ मेरे खेल खेलने में मज़ा आता था
लेकिन जो भी हो जीवन में हर चीज़ को खत्म होना है
मुझे जाना पड़ा अपनी आँखों में आंसू लेकर
मेरे दोस्तों ने मुझ से पूछा "किस बात के लिए रोना आ रहा है ?"
और "दुनिया की यात्रा करना यहां रहने से बेहतर है।
तुम्हे वहां सब कुछ मिलेगा जो हम यहां नहीं देख पाते ,
एक पूरा शहर जो रात को रोशनी के नीचे सोता है "
जब मैंने अपने बचपन के इस कोने को छोड़ रहा था ,
मुझे पहले से ही पता था कि मैं वहां अपना दिल छोड़ रहा था
मेरे सभी दोस्तों को , हाँ, मेरी किस्मत पर ईर्ष्या थी ,
लेकिन मैं, मैं अभी भी उनकी खुशी को याद करता हूँ
और याद करता हूँ उनके चिंतामुक्त चेहरे जहां से हंसी फूटती थी
और मुझे ऐसा लगता है मानो मैं खुद को उन्हें कहते हुए सुन रहा हूँ
" मैं एक दिन , एक सुबह आऊंगा आप सब की खिलखिलाती हंसी के बीच ,
हाँ , मैं एक दिन यादों की पहली रेलगाड़ी पकड़ूँगा '
समय बीत चुका है और मैं वापस आ गया हूं
उस घर के लिए मेरी खोज व्यर्थ गई जिसे मैं बेहद प्यार करता था
वे पत्थर कहाँ हैं और वे गुलाब कहां हैं,
वे सभी चीजें जिन्हे मैं इतनी शिद्दत से चाहता था ?
उनका और मेरे दोस्तों का कोई नामो निशान नहीं ,
अन्य लोगों, अन्य घरों ने उनके स्थानों को चुरा लिया है ।
जहां पेड़ रहते थे, अब वहां शहर वहां है,
और घर, वह कहाँ है, वह घर जहां मैं बड़ा हुआ?
मुझे नहीं पता कि मेरा घर कहां है,
घर जहां मैं बड़ा हुआ।
कहां है ,मेरा घर कहां है?
किसको पता है कि मेरा घर कहां है?
मेरा घर, कहां है मेरा घर ?
किसको पता है कि मेरा घर कहां है?