जब मैं तुम्हारे बदन से सट कर सोती हूँ
तब मेरे मन में कोई संशय नहीं रहता
कि हमारा प्यार अभी भी ज़िंदा है
मेरे सभी वर्षों की नाकाम कोशिशों
मैं उन सब को छोड़ दूँगी
तुम्हारी बंदरगाह पर लंगर डालने के लिए
जिस अकेलेपन से मुझे डर लगता है
जो हरदम मेरी घात में रहता है
मैं उसे अपने मन से निकाल बाहर करूंगी
तुम्हें सदैव प्यार करने के लिए
तुम्हें हर कीमत पर प्यार करने के लिए
इस बुराई के बावजूद जो हमेशा से है
और प्यार को मौत के घाट उतार देती है
जब मैं तुम्हारे बदन से सट कर सोती हूँ
तब मेरे मन में कोई संशय नहीं रहता
कि हमारा प्यार अभी भी ज़िंदा है
कि हमारा प्यार अभी भी ज़िंदा है
हमारी विचारधारा एक जैसी नहीं
लेकिन अंत में हमें परवाह नहीं है
कि क्या सही है और क्या ग़लत
दुनिया को मूढ़मति चलाते हैं
मेरे महबूब, यह हम पर निर्भर है
कि हम एक दुसरे से बढ़ चढ़ कर प्यार करें
हिंसा से परे
पागलपन से परे
बम-गोलों के बावजूद जो गिर रहे हैं
दुनिया के चारों कोनों में
जब मैं तुम्हारे बदन से सट कर सोती हूँ
तब मेरे मन में कोई संशय नहीं रहता
कि हमारा प्यार अभी भी ज़िंदा है
कि हमारा प्यार अभी भी ज़िंदा है
कि हमारा प्यार अभी भी ज़िंदा है
तुम्हें सदैव प्यार करने के लिए
तुमसे प्यार करने के लिए चाहे कुछ हो जाए
इस बुराई के बावजूद जो हमेशा से है
और प्यार को मौत के घाट उतार देती है
जब मैं तुम्हारे बदन से सट कर सोती हूँ
तब मेरे मन में कोई संशय नहीं रहता
कि हमारा प्यार अभी भी ज़िंदा है