कुछ कम रोशन है रौशनी
कुछ कम गीलीं हैं बारिशें
कुछ कम लहराती है हवा
कुछ कम हैं दिल में ख्वाईशें
थम सा गया है, यह वक़्त ऐसे
तेरे लिए ही ठहरा हो जैसे
क्यों मेरी साँस भी कुछ भीगी सी है
दूरियों से हुई नज़दीकी सी है
जाने क्या यह बात है
हर सुबह अब रात है
कुछ कम रोशन है रौशनी
कुछ कम गीलीं हैं बारिशें
कुछ कम लहराती है हवा
कुछ कम हैं दिल में ख्वाईशें
थम सा गया है, यह वक़्त ऐसे
तेरे लिए ही ठहरा हो जैसे
फूल महके नहीं, कुछ गुमसुम से हैं
जैसे रूठे हुए, कुछ ये तुमसे हैं
खुशबुएँ ढल गयीं
साथ तुम अब जो नहीं
कुछ कम रोशन है रौशनी
कुछ कम गीलीं हैं बारिशें
कुछ कम लहराती है हवा
कुछ कम हैं दिल में ख्वाईशें
थम सा गया है, यह वक़्त ऐसे
तेरे लिए ही ठहरा हो जैसे