कोई जब तुम्हारा ह्रदय तोड़ दे
तड़पता हुआ जब कोई छोड़ दे
तब तुम मेरे पास आना प्रिये
मेरा दर खुला है, खुला ही रहेगा
तुम्हारे लिए
कोई जब तुम्हारा ह्रदय तोड़ दे...
अभी तुम को मेरी ज़रूरत नहीं
बहुत चाहने वाले मिल जायेंगे
अभी रूप का एक सागर हो तुम
कँवल जितने चाहोगी खिल जायेंगे
दर्पण तुम्हें जब डराने लगे
जवानी भी दामन छुड़ाने लगे
तब तुम मेरे पास आना प्रिये
मेरा सर झुका है, ज़ुका हैं रहेगा
तुम्हारे लिए
कोई जब तुम्हारा ह्रदय तोड़ दे
तड़पता हुआ जब कोई छोड़ दे...
कोई शर्त होती नहीं प्यार में
मगर प्यार शर्तों पे तुमने किया
नज़र में सितारे जो चमके ज़रा
बुझाने लगीं आरती का दीया
जब अपनी नज़र में ही गिरने लगो
अंधेरों में अपने ही घिरने लगो
तब तुम मेरे पास आना प्रिये
यह दीपक जला है, जला ही रहेगा
तुम्हारे लिए
कोई जब तुम्हारा ह्रदय तोड़ दे
तड़पता हुआ जब कोई छोड़ दे...