ऊँचे ऊँचे हाल में गुज़रे हुए राजाओं के
जेनी करती डान्स जैसे उसके भूत के साथ
वो जिनको खोया और जिनको उसने ढूँढा
और वो जिन्होंने उससे प्यार किया सबसे ज़्यादा
वो जो जा चुके हैं लम्बे समय से
उसको याद तक नहीं उनके नाम
घुमाया जिन लोगों ने उसे घिसे पुराने पत्थरों पे
दूर कर दिये उसके सभी दुख और दर्द
और वो कभी नहीं चाहती थी जाना,
कभी नहीं चाहती थी जाना
कभी नहीं चाहती थी जाना, कभी नहीं चाहती थी जाना
किया था डान्स उन्होंने सारा दिन
और रात में बर्फ़ तले जो
बिखरी हुई थी हाल में
सर्दी से गर्मी और फिर सर्दी तक
जब तक दीवारें थरथरा के ढह गई
और वो कभी नहीं चाहती थी जाना,
कभी नहीं चाहती थी जाना
और वो कभी नहीं चाहती थी जाना,
कभी नहीं चाहती थी जाना, कभी नहीं चाहती थी जाना
कभी नहीं चाहती थी जाना, कभी नहीं चाहती थी जाना
ऊँचे ऊँचे हाल में गुज़रे हुए राजाओं के
जेनी करती डान्स जैसे उसके भूत के साथ
वो जिनको खोया और जिनको उसने ढूँढा
और वो जिन्होंने उससे प्यार किया सबसे ज़्यादा