वह कहता है कि मैं कुछ भी नहीं कहती
लेकिन अगर इस बात को वह थोड़ा कम कहे
तो शायद मैं उससे बात करना चाहूंगी
वह कहता है कि वह दर्द में है
फिर भी अगर उसने मुझे अपनी तकलीफ कम दिखाई होती
तो वह, शायद, मुझे रुला देता
नहीं, उसे सब कुछ गंभीरता से नहीं लेना चाहिए
क्योंकि मुझे नहीं पता
वास्तव में कि मैं क्या चाहती हूँ
उसे मेरे ऊब जाने का डर बना रहता है
फिर भी अगर वह जानता कि उसको मुझ से दूर जाना आता तो शायद मैं उसके साथ न होने की वजह से ऊब जाती
वह डरता है कि मैं उसे छोड़ दूंगी
लेकिन अगर उसने मुझसे अपनी उदासी छुपाई होती
तो मैं शायद उसे अपने पास रखने की जरूरत महसूस करती
नहीं, उसे सब कुछ गंभीरता से नहीं लेना चाहिए
क्योंकि मुझे नहीं पता
वास्तव में कि मैं क्या चाहती हूँ
मैं उसके साथ खुश हूँ
और अगर वह इतना अच्छा नहीं होता
तो शायद, मुझे उसके जितना अच्छा होना पड़ता?
क्योंकि, गहरे में, मैं उसे बहुत प्यार करती हूं
और अगर वह मुझसे थोड़ा कम प्यार करता , बस थोड़ा सा
तो शायद, मैं उसे बहुत ज्यादा प्यार करती