अगर मैं जिंदगी की तरह वापस आऊं
अगर मैं एक बार फिर आऊं
जैसे अनंत की एक लहर
अगर मैं तुम्हारे पास वापस आऊं
मुझे मत कहना कि बहुत देर हो चुकी है
मैं इतनी लंबी यात्रा से वापस आ रही हूं
ताकि मैं तुम्हारी आँखों में आसमान देख पाऊं
और तुम्हारे चेहरे पर सुंदरता
मैं समय पर रस्सियां डाल चुकी हूँ
और अन्य ग्रहों पर भ्रमण कर चुकी हूं
मैं हवा के अंत तक भी पहुंची हूं
लेकिन यहाँ पर आकर सब थम जाता है
मैं दुनिया के सौ चक्कर लगा चुकी हूं
सभी फव्वारों के पानी का स्वाद लिया है
प्रकाश के दिल को भी छुआ है
लेकिन कहीं भी रुक नहीं पाई
मैं जहां कहीं भी रहूं, कितनी दूर भी चली जाऊं
तुम्हारे पदचिन्ह हमेशा वहां रहते हैं
मैं तुम्हे बताना चाहूंगी कि मुझे कभी भी
मुझे कभी भी, कभी भी तुमसे आगे दिखाई नहीं दिया
मुझे कभी भी, कभी भी तुमसे आगे दिखाई नहीं दिया
अगर मैं अपनी भूलों से वापस आ गई हूं
अगर मैं अपनी भटकन से वापस आ गई हूं
अगर मैं वापस आईं हूं
तो बस इसलिए कि आज मैं चाहती हूं कि मेरी शून्यता खुल कर अपनी बात कहे
यह मत कहना कि अनंत काल की बात करके मैं जल्दी कर रही हूं
मेरे संगीत में और मेरे शब्दों में
हमेशा से मैंने तुम्हे ही गाया है
मैं जहां कहीं भी रहूं, कितनी दूर भी चली जाऊं
तुम्हारे पदचिन्ह हमेशा वहां रहते हैं
मैं तुम्हे बताना चाहूंगी कि मुझे कभी भी
मुझे कभी भी, कभी भी तुमसे आगे दिखाई नहीं दिया
मुझे कभी भी, कभी भी तुमसे आगे दिखाई नहीं दिया
मैं जहां कहीं भी रहूं, कितनी दूर भी चली जाऊं
तुम्हारे पदचिन्ह हमेशा वहां रहते हैं
मैं तुम्हे बताना चाहूंगी कि मुझे कभी भी
मैं जहां कहीं भी रहूं, कितनी दूर भी चली जाऊं
तुम्हारे पदचिन्ह हमेशा वहां रहते हैं
मैं तुम्हे बताना चाहूंगी कि मुझे कभी भी
मुझे कभी भी, कभी भी तुमसे आगे दिखाई नहीं दिया
मुझे कभी भी, कभी भी तुमसे आगे दिखाई नहीं दिया
मुझे कभी भी, कभी भी तुमसे आगे दिखाई नहीं दिया
मुझे कभी भी, कभी भी तुमसे आगे दिखाई नहीं दिया