कितनी रातों को तुम जागते
रहे
अँधेरी जगह में? ( ईह-ओह-ईह-ओह, ईह-ओह)
और कितने दिन जब तक ना हुआ तुम्हारा दर्द कम
उन अँधेरे दिनो का? ( ईह-ओह-ईह-ओह, ईह-ओह)
पता हैं सिर्फ़ यह…
अगर ख़ुशी हैं कुछ दूरी पर
तो कुछ कदम ही काफ़ी बढ़ने के लिए
अगर दया हैं सबके अंदर
तो ज़रूरत हैं बस उसको दिखाने की
नहीं छू सकते उसे,देखो उसे (ओह-ओह-ओह)
मगर हमेशा तुम उसको कर सकते महसूस (ओह-ओह-ओह)
सबसे महान चीज़ें जो कभी तुम्हें मालूम होंगी
हैं अदृश्य (हैं अदृश्य)
कितने शब्द हैं चाहिए सच में
एक बदलाव के लिये? (ईह-ओह-ईह-ओह, ईह-ओह)
और कितनी लड़ाईयों की ज़रूरत होगी
समझाने के लिए क्या हैं सुख में?
( ईह-ओह-ईह-ओह, ईह-ओह)
पता हैं सिर्फ़ यह…
अगर ख़ुशी हैं कुछ दूरी पर
तो कुछ कदम ही काफ़ी बढ़ने के लिए
अगर दया हैं सबके अंदर
तो ज़रूरत हैं बस उसको दिखाने की
नहीं छू सकते उसे,देखो उसे (ओह-ओह-ओह)
मगर हमेशा तुम उसको कर सकते महसूस (ओह-ओह-ओह)
सबसे महान चीज़ें जो कभी तुम्हें मालूम होंगी
हैं अदृश्य (हैं अदृश्य)
नहीं छीन सकते तुम उसे, चुरा लो उसे (ओह-ओह-ओह)
मगर तुम चाहो तो हमेशा बन सकते हो वैसे (ओह-ओह-ओह)
सबसे महान चीज़ें जो कभी तुम्हें मालूम होंगी
हैं अदृश्य (सबसे महान चीज़ें जो कभी तुम्हें मालूम होंगी )
वो हैं अदृश्य (ओह-ओह-ओह)
वो हैं अदृश्य (ओह-ओह-ओह)
वो हैं अदृश्य (ओह-ओह-ओह)
वो हैं अदृश्य