मैं हूँ सवाल पूछा हुआ
वो जवाब जो ना सुना
या वो लम्हा बदल जो गया
और क्या तुमने यह सोचा
सबकी मैं सुनूँगा
नहीं जानते, मैं वो ना बनूँगा जो तुम चाहते
और क्या तुमने समझा हैं मुझे
यह वो बचपन नहीं हैं
अपना लो या छोड़ दो मुझे
कभी सिखलाया ना गयासब खुद ही समझा
नहीं जानते क्यूँकि देखा नहीं
मैं चुनूँ सचाई को पल
मेरे दिल में हलचल
खुद को दिल में मैं भर लूँ
बदलूँ मैं क्यूँ दुनिया के लिए
जो ना खुद को बदले
नहीं जानते पर मैं हूँ यही
बस यह चाहा तुमने मुझसे
दिखलाऊँ कुछ बनके
अब तुमसे मुझे डर ना लगे
मैं यह दिखला दूँ, हूँ मैं क्या
कोशिश तुम भी करना दिल ना टूटे
वजूद मैंने अपना जाना
मुझसे रखते क्यूँ उम्मीद
मैं हूँ उन जैसा नहीं
हाँ सपने हैं अपने दुनिया सोई हुई
हैं बातें उनकी झूठी जिन पर कर लूँ ना मैं यक़ीन
मैं चुनूँ सच्चाई के पल
मेरे दिल मैं हलचल
खुद को दिल में मैं भर लूँ
मैं, कहता यह ना बदले
जो ना खुद को बदले
मैंने जाना कि मैं तो हूँ
मैंने जाना कि मैं तो हूँ
मैं तो हूँ मैं तो हूँ