हम इन्तिज़ार करेंगे
हम इन्तिज़ार करेंगे तेरा, क़यामत तक
ख़ुदा करे कि क़यामत हो, और तू आए (2×)
हम इन्तिज़ार करेंगे
बुझी बुझी सी नज़र में तेरी तलाश लिए
भटकते फिरते हैं हम, आप अपनी लाश लिए
यह ही जुनून यह ही वहशत हो
यह ही जुनून यह ही वहशत हो, और तू आए
ख़ुदा करे कि क़यामत हो, और तू आए
हम इन्तिज़ार करेंगे
न देंगे हम तुझे इलज़ाम, बेवफ़ाई का
मगर गिला तो करेंगे, तेरी जुदाई का
तेरे ख़िलाफ़ शिकायत हो
तेरे ख़िलाफ़ शिकायत हो, और तू आए
ख़ुदा करे कि क़यामत हो, और तू आए
हम इन्तिज़ार करेंगे
यह ज़िन्दगी तेरी क़दमों में डाल जाएंगे
तुझ ही को तेरी अमानत संभाल जाएंगे
हमारा आलम-ए-रुख़सत हो
हमारा आलम-ए-रुख़सत हो, और तू आए
ख़ुदा करे कि क़यामत हो, और तू आए
हम इन्तिज़ार करेंगे