हमेशा से अकेले तुम मेरे मन में
और मेरे सपनों में किस किये तुम्हारे होंठ हज़ारों बार
कभी कभी देखूँ मेरे दरवाज़े के सामने तुम्हें गुज़रता
हेलो, क्या तुम ढूँढ रही हो मुझे?
देखूँ तुम्हारी आँखों में
देखूँ तुम्हारी मुस्कुराहट में
तुम वो सब कुछ जो चाहिये हमेशा से मुझे,
(और) मेरी बाहें खुली तुम्हारे लिये
क्यूँकि पता तुमको क्या हैं कहना
और पता तुमको क्या हैं करना
और बताना मुझे बेसब्री से, मैं प्यार करता हूँ तुमसे …
बेचैन हूँ देखूँ सूरज की रोशनी तुम्हारे बालों में
और बोलूँ समय समय पे कितनी हैं परवाह मुझे
लगता कभी कभी मेरा दिल भर आयेगा
हेलो, सिर्फ़ तुमको ये बताना मुझे
क्यूँकि सोचूँ मैं कहाँ हो तुम
और सोचूँ मैं क्या तुम हो कर रही
क्या तुम भी कही महसूस कर रही अकेलापन,
या कोई तुमसे हैं प्यार कर रहा ?
बताओ कैसे जीत लूँ तुम्हारा दिल
क्यूँकि नहीं कोई अंदाज़ा मुझे
मगर मैं बताता हूँ ये कह कर,मैं तुमसे प्यार करता हूँ …
हेलो, क्या तुम ढूँढ रही हो मुझे?
क्यूँकि सोचूँ मैं कहाँ हो तुम
और सोचूँ मैं क्या तुम हो कर रही
क्या तुम भी कही महसूस कर रही अकेलापन,
या कोई तुमसे हैं प्यार कर रहा ?
बताओ कैसे जीत लूँ तुम्हारा दिल
क्यूँकि नहीं कोई अंदाज़ा मुझे
मगर मैं बताता हूँ ये कह कर …मैं तुमसे प्यार करता हूँ